Hanuman Chalisa Ka Paath | हनुमान चालीसा का पाठ

Hanuman Chalisa Ka Paath

हनुमान चालीसा का पाठ | Hanuman Chalisa Ka Paath

भक्त भगवान हनुमान के आशीर्वाद का आह्वान करते हैं और उनका मार्गदर्शन और सुरक्षा चाहते हैं। Hanuman Chalisa Ka Paath में भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति पर जोर देते हुए हनुमान के विभिन्न गुणों, कारनामों और चमत्कारों का वर्णन किया गया है।

भगवान हनुमान का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त अक्सर नियमित रूप से, खासकर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि संपूर्ण हनुमान चालीसा में 40 श्लोक हैं, और प्रत्येक श्लोक भगवान हनुमान की स्तुति और महिमा को समर्पित है।

यदि आप संपूर्ण हनुमान चालीसा का पाठ करने में रुचि रखते हैं, तो आप इसे विभिन्न ग्रंथों, वेबसाइटों या हिंदू धर्मग्रंथों को समर्पित पुस्तकों में पा सकते हैं।

श्री हनुमान चालीसा


दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥


बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार॥


चौपाई


जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥


राम दूत अतुलित बल धामा।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥


महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥


कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुँचित केसा॥


हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे।
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥


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शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जगवंदन॥


विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥


प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मनबसिया॥


सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा॥


भीम रूप धरि असुर सँहारे।
रामचंद्र के काज सवाँरे॥

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लाय सजीवन लखन जियाए।
श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥


रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥


सहस बदन तुम्हरो जस गावै।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥


सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥


जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥


तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥


तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥


जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥


प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही।
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥


दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥


राम दुआरे तुम रखवारे।
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥


सब सुख लहैं तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहु को डरना॥


आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हाँक तै कापै॥23॥


भूत पिशाच निकट नहि आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥


नासै रोग हरे सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥


संकट तै हनुमान छुडावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥


सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा॥


और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै॥


चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥


साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥


अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥


राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥


तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥


अंतकाल रघुवरपुर जाई।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥


और देवता चित्त ना धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥


संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥


जै जै जै हनुमान गुसाईँ।
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥


जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥


जो यह पढ़े हनुमान चालीसा।
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥


तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥


दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥


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श्री हनुमान चालीसा पाठ | Shri Hanuman Chalisa Paath

Hanuman Chalisa Paath: हनुमान चालीसा तुलसीदास द्वारा रचित एक प्रसिद्ध भक्ति काव्य है। यह भगवान हनुमान की महिमा और गुणों का वर्णन करता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को आत्मिक शांति और शक्ति मिलती है।

हनुमान चालीसा पाठ भगवान हनुमान के आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है और यह भक्तों को आत्मिक शांति और साहस प्रदान करता है। इसका पाठ नियमित रूप से करने से भक्ति और शक्ति की प्राप्ति होती है। हनुमान चालीसा में 40 छंद होते हैं, जो भगवान हनुमान के गुण, वीरता और सेवा भावना का वर्णन करते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ विधि हिंदी में

हनुमान चालीसा का पाठ विधिपूर्वक करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। निम्नलिखित विधि का पालन करके आप इसका पाठ कर सकते हैं

  1. सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें। यदि संभव हो तो हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
  3. हनुमान जी के सामने दीपक, अगरबत्ती और पुष्प अर्पित करें। उनके लिए प्रसाद (जैसे लड्डू) भी रखें।
  4. हनुमान जी को प्रणाम करें और मन में उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
  5. हनुमान जी का ध्यान करते हुए आंखें बंद करें और मन को शांत करें।
FAQ

चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन प्रातःकाल और संध्या समय विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। पाठ करने से पहले साफ और स्वच्छ जगह पर बैठकर भगवान हनुमान का ध्यान करना चाहिए।

चालीसा का पाठ करने से भक्तों को शांति, साहस, और शक्ति मिलती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

Shri Hanuman Chalisa Paath कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे वह किसी भी उम्र का हो।

हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से मानसिक शांति, साहस, शक्ति और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। हनुमान की को संकटमोचन (संकट दूर करने वाला) भी कहा जाता है, क्योंकि यह सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है।

हां, चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, रात्रि में भी किया जा सकता है। यह निर्भर करता है कि आपको कब समय मिलता है और कब आप शांतिपूर्वक पाठ कर सकते हैं।

हां, महिलाएं भी चालीसा का पाठ कर सकती हैं। इसमें कोई प्रतिबंध नहीं लगा हुआ है।

चालीसा का पाठ एक बार, तीन बार, सात बार 11 बार या 108 बार करने का प्रचलन है। आप अपनी श्रद्धा और समय के अनुसार पाठ की संख्या निर्धारित कर सकते हैं।

Vikash Kumar

मैं विकाश कुमार पटना में हनुमान जी की भक्ति 5 वर्षों से कर रहा हूं। मैंने अपना जीवन भक्तिमय में बिताया है। मैं अन्य भाषाएँ समझता हूँ। हमारी साइट पर आपको हनुमान आरती, स्तोत्र, चालीसा, मंत्र मिलेंगे, आप इन सभी को पीडीएफ में भी डाउनलोड कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए आप हमें ईमेल, व्हाट्सएप या कॉल कर सकते हैं।